1. लालची गांव वाले


एक बार एक आदमी गांव में गया और गांव वालों से कहा कि वो 100 रु. में एक बंदर खरीदेगा।
ये सुनकर सभी गांव वाले नजदीक के जंगल की ओर दौड़ पड़े और वहां से बंदर पकड़-पकड़कर 100 रु. में उस आदमी को बेचने लगे...।

कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गई...।

फिर उस आदमी ने कहा कि वो एक-एक बंदर के लिए सभी को 200 रु. देगा।

ये सुनकर लोग फिर बंदर पकड़-पकड़कर 200 रु. में उस आदमी को बेचने लगे , लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर से ठंडा हो गया...।

अब उस आदमी ने कहा कि वो एक बंदर के लिए 500 रु. देगा, और उस आदमी को शहर जाना था इसलिए उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया...।

500 रु. सुनकर गांव वाले बदहवास हो गए, लेकिन पहले ही लगभग सारे बंदर पकड़े जा चुके थे। इसलिए उन्हें कोई हाथ नहीं लगा...।

तब उस आदमी का असिस्टेंट गांव वालों के पास आकर कहता है कि... 'आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 400-400 रु. में बंदर खरीद सकते हैं, जब सर आ जाएं तो आप 500-500 रु. में बेच दीजिएगा...।'

गांव वालों को ये प्रस्ताव अच्छा लगा और उन्होंने सारे बंदर 400-400 रु. में खरीद लिए...।

अगले दिन जब गांव वाले बंदर बेचने कि लिए वहां गए तो वहां न कोई असिस्टेंट था और न ही कोई सर...

बस थे तो 'बंदर ही बंदर'।

मतलब की उस आदमी ने 100 और 200 रु. वाले बंदर को उन गांव वालो से 400 -400 रु. में बेच दिया ।

दोस्तों हमे इस कहानी से यही सिख मलती है - हमे लालच कभी नहीं करनी चाहिए "लालच बुरी बला है"।


2. लालची गांव वाले


एक गाव में हरिया नाम का एक लड़का रहता था। वह एक सेठ के यहाँ काम करता था। एक दिन उसने आपने मालिक से बोला मालिक मुझे मेरी तनख्वाह दे दीजिये। फिर उसके मालिक ने उसे 1000  रुपए दिया तो हरिया बोला की मालिक ये तो बहुत कम है, तो मालिक ने बोला की तुमने पिछले महीने दो-तीन बार पैसा ले चूका है, जो बाकि बचता है वो इतना ही है और वो मैंने तुम्हे अभी दे दिए है।

हरिया उदास मन आपने घर जा रहा था की उसने देखा की गांव में एक पेड़ के पास बहुत भीड़ लगी हुई है।
हरिया वहाँ गया और देखा की बहुत सारे लोग एक लम्बी लाइन में खड़े है और सब लोग एक आदमी को पैसे दे रहे है, जिसका नाम रामभरोसे है। उसने लाइन में खड़े एक आदमी से पूछा की - यहाँ क्या हो रहा है तो उस आदमी ने जवबाब दिया की - ये जो आदमी हमसे पैसे ले रहा है, वो एक हफ्ते में हमारे पैसे डबल कर देगा।फिर क्या हरिया भी लाइन में लग गया और अपने 1000 रुपए उस आदमी को दे दिया और घर चला गया।

एक हफ्ते बाद सब लोगो की तरह हरिया भी उसी पेड़ के निचे पहुंच गया। कुछ देर बाद वो आदमी आया और सब के पैसे डबल कर के दे दिया। हरिया बहुत खुश था वो मन ही मन सोच रहा था की उसे बिना मेहनत के उसके पैसे डबल हो गए। अब उसे काम करने की जरूरत नहीं है।

उसके मन में एक तरकीब सूझी - उसने सोचा की अपने मालिक से कुछ पैसे उधार लेकर उस आदमी को दे दूंगा, जब वह आदमी अगले हफ्ते पैसे डबल कर के देगा तो अपने मालिक के पैसे वापस कर दूंगा और सोचने लगा अब तो मै बहुत जल्द आमिर बन जाऊंगा।

कुछ दिनों बाद हरिया मन ही मन खुश होता हुआ अपने मालिक के पास गया और बोला मालिक मुझे 10000  रुपए चाहिए। उसके मालिक ने आश्चर्य होते हुए पूछा की इतने पैसो का क्या करेगा तो हरिया ने सारी बात बताई की एक आदमी है जो एक हफ्ते में पैसे डबल कर के दे रहा है। उसके मालिक ने उसे बहुत समझाया पर हरिया नहीं माना और अपने मालिक से 10000  रुपए लेकर उस आदमी को देने चला गया।बाकि दिनों की तरह उस दिन भी काफी लम्बी लाइन थी, हरिया भी लाइन में लग गया और अपने पैसे रामभरोसे को दे दिया और ख़ुशी ख़ुशी घर चला गया।

अगले हफ्ते और लोगो की तरह फिर से हरिया भी वहां आया और लाइन में बैठा उस आदमी का इंतजार कर रहा था। सुबह से दोपहर हो गयी, दोपहर से शाम हो गयी, लेकिन वह आदमी नहीं आया कुछ देर बाद रात हो गई फिर सभी गांव वाले घर जाने लगे तो हरिया भी उदास मन लेकर अपने घर की ओर जाने लगा तभी उसे उसका मालिक सामने से आता हुआ दिखाई दिया।

पास आकर मालिक ने हरिया से पूछा की - क्या हुआ हरिया इतने उदास क्यू हो तब हरिया ने सारी बात बताई और फुट - फुट कर रोने लगा। उसके मालिक ने उसे चुप कराया और बोला - मैंने तुम्हे उसी दिन समझाया था, ऐसा मत करो पर तुमने मेरी बात नही मानी और देखो वो आदमी तुम्हारे सरे पैसे लेकर भाग गया।

अब काफी रात हो चुकी थ, उसके मालिक ने उसे उसके घर तक छोड़ दिया और बोला की सुबह काम पे आ जाना।

दोस्तों हमे इस कहानी से यही सिख मलती है - हमे लालच कभी नहीं करनी चाहिए "लालच बुरी बला है"।